मोहम्मद गौरी को दौड़ा-दौड़ा कर मार भगाने वाली नायिका देवी की कहानी - Hindi kahaniyan - Hindi Kahaniyan हिंदी कहानियां 

Latest

बुधवार, 11 सितंबर 2024

मोहम्मद गौरी को दौड़ा-दौड़ा कर मार भगाने वाली नायिका देवी की कहानी - Hindi kahaniyan

मोहम्मद गौरी को दौड़ा-दौड़ा कर मार भगाने वाली नायिका देवी की कहानी - Hindi Kahaniyan


1178 ई. की बात है, मोहम्मद गौरी हिंदुस्तान पर हमला करके यहाँ की अपार सम्पदा को लूटना चाहता था। मोहम्मद गौरी को सूचना मिली, कि इस समय हिंदुस्तान के गुजरात क्षेत्र में एक छोटा बालक शासन कर रहा है जिसका नाम मूलराज द्वितीय है, और यहाँ के शासन की देखरेख  मूलराज द्वितीय की माँ नायिका देवी कर रही है, जो राज्य की राजमाता भी है। जब मोहम्मद गौरी को मालूम हुआ कि गुजरात में शासन की बागडोर एक महिला के पास है, तो उसे लगा कि गुजरात को जीतना और लूटना बहुत आसान होगा। इसलिए उसने गुजरात पर हमला करने की योजना बनाई। 

hindi-kahaniyan, nayika-devi-ki-kahani
Hindi kahaniyan

मोहम्मद गौरी गजनी से सिंध और सिंध से गुजरात के रास्ते अपनी सेना लेकर चल पड़ा। राजमाता नायिका देवी को सूचना मिली की मोहम्मद गौरी जैसा दुर्दांत आक्रमणकारी गुजरात पर आक्रमण करने के लिए चल पड़ा है, और वह यह समझता है, कि गुजरात में एक महिला का शासन है इसलिए वह गुजरात को बड़ी आसानी से जीत सकता है। राजमाता नायिका देवी ने तुरंत दरबार बुलाकर अपने मंत्रियों और सेनानायकों के साथ इस गंभीर विषय पर बैठक की। 


राजमाता ने अपने सेनानायकों से कहा - मोहम्मद गौरी हमारे राज्य पर आक्रमण करने के लिए निकल चुका है, वह यह समझता है कि गुजरात में एक बालक का शासन है, इसलिए वह बड़ी आसानी से गुजरात को जीत लेगा। लेकिन हम उसे बता देंगे कि गुजरात के वीरों से टकराना उतना आसान नहीं जितना वह समझता है। हम गौरी को मुहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है, इस युद्ध में हम ऐसी मिसाल पेश करेंगे, कि भविष्य में कोई आक्रमणकारी  गुजरात पर आक्रमण करने से पहले गौरी का हश्र याद करके काँप उठेगा। 

Hindi kahaniyan

नायिका देवी के सभी सेनानायकों ने मोहम्मद गौरी को मुंहतोड़ जवाब देने की कसम खाई। युद्ध की योजना बनाई जाने लगी, सबसे पहले गुप्तचर भेज कर मोहम्मद गौरी की सैन्य क्षमता के बारे में पूरी जानकारी जुटाई गई। गुप्तचरों से ज्ञात हुआ कि मोहम्मद गौरी की सेना गुजरात की सेना से कई गुना बड़ी है। नायिका देवी जानती थी कि यदि मोहम्मद गौरी की सेना से खुले मैदान में युद्ध किया गया तो वह बड़ी आसानी से युद्ध जीत जाएगा, क्योंकि उसकी सेना गुजरात की सेना से कहीं ज्यादा बड़ी है। 


राजमाता नायिका देवी ने योजना बनाई की मोहम्मद गौरी कि सेना से मैदान में सीधे लड़ने की बजाय पहाड़ों में छापामार युद्ध किया जाए, क्योंकि शत्रु सेना चाहे कितनी भी विशाल हो वह पहाड़ों में एक साथ प्रवेश नहीं कर सकती। नायिका देवी ने अपने सेनानायकों से कहा, कि अगर मोहम्मद गौरी यह समझता है कि वह बड़ी आसानी से गुजरात पर कब्जा कर लेगा, तो हम उसे अपने राज्य में एक इंच अंदर नहीं घुसने देंगे। हम उसे गुजरात की सीमा पर ही रोक लेंगे। 

Hindi kahaniyan

नायिका देवी ने अपनी सेना को गुजरात की सीमा पर माउंट आबू के पहाड़ों में स्थित एक गांव काईन्दरा में लगा दिया, अब गुजरात की सेना पहाड़ों में मोहम्मद गौरी की प्रतीक्षा करने लगी। नायिका देवी एक योद्धा होने के साथ-साथ एक चतुर सेनानायक भी थी, वह जानती थी यदि उन्हें आसपास के राज्यों का भी सहयोग मिल जाए तो मोहम्मद गौरी को बहुत आसानी से शिकस्त दी जा सकती है। राजमाता नायिका देवी ने नाडोल और जालौर को संदेश भेजकर उनसे सहायता की अपील की। भारतीय राजाओं ने अपने सभी आपसी मतभेद बुलाकर एक विदेशी आक्रमणकारी के खिलाफ युद्ध में नायिका देवी का सहयोग करने का फैसला किया। 


अब काईन्दरा मे गुजरात की सेना अकेली नहीं थी, उनके साथ नाडोल और सिरोही की सेनाएं भी उनके साथ खड़ी थी। रणनीतिक रूप से काईन्दरा गांव की स्थिति बहुत अहम थी, काईन्दरा गांव माउंट आबू के पहाड़ों में एक दर्रे के पीछे स्थित था, वहां तक पहुंचने के लिए उस दर्रे से होकर गुजरना पड़ता था। मोहम्मद गौरी इस बात से बिल्कुल अनजान था कि गुजरात की सेनाएँ पहाड़ों में उसका इंतजार कर रही है। 

Hindi kahaniyan

जैसे ही मोहम्मद गौरी की सेना ने पहाड़ों में प्रवेश किया, गुजरात की सेनाएं उन पर टूट पड़ी। अचानक हुए इस हमले से मोहम्मद गौरी घबरा गया, गुजरात की सहयोगी सेनाओं ने छापामार पद्धति से युद्ध किया और गौरी की सेना पर टूट पड़ीं। नायिका देवी ने स्वयं सेवा का नेतृत्व करते हुए मोहम्मद गौरी की सेना का भीषण संघार किया, इस युद्ध में नायिका देवी साक्षात रणचंडी (युद्ध की देवी) के समान दिखाई दे रहीं थी। 


इस युद्ध में इतना भीषण रक्तपात हुआ की गौरी की सेना अपने ही रक्त में डूबती हुई सी लग रही थी। ऐसे भीषण आक्रमण से भयभीत गौरी कि सेना पीठ दिखाकर भागने लगी। मोहम्मद गौरी ने भी किसी तरह युद्धक्षेत्र से भाग कर अपनी जान बचाई। नायिका देवी ने मोहम्मद गौरी को गजनी तक दौड़ा-दौड़ा कर भगाया। इस युद्ध में मोहम्मद गौरी को इतना अधिक नुकसान हुआ कि उसने जीवन में फिर कभी गुजरात की ओर आंख उठाने की हिम्मत नहीं की।


यह कहानी एक ऐसी महिला शासक की है, जिसने न केवल अपनी सूझबूझ से एक विशाल राज्य को संभाला, बल्कि जरूरत पड़ने पर एक योद्धा की तरह युद्ध करके दुर्दांत आक्रमणकारियों से अपने राज्य की रक्षा की और अपनी सूझबूझ के साथ-साथ अपने युद्ध कौशल का भी परिचय दिया।

Hindi kahaniyan

कुछ अन्य हिंदी कहानियां /Some other Hindi Stories

  1. हडसन नदी पर हुआ चमत्कार: साहस, भाग्य और मानवता की कहानी
  2. जिसने भी ख़रीदा वो बर्बाद हो गया, होप डायमंड के अभिशाप की कहानी
  3. कहानी : तूतनखामुन के मकबरे का अभिशाप
  4. कैनेडी परिवार के अभिशाप की कहानी 
  5. भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कहानी
  6. पेले की चट्टानों का अभिशाप: विनाश और मुक्ति की कहानी
  7. भगवान श्री राम के जन्म की कहानी
  8. राजकुमारी फिरोजा की अधूरी प्रेम कहानी
  9. कल्ला रायमलोत और राजकुमारी भानकँवर की कहानी 
  10. भीष्म पितामह के जन्म की कहानी